राजस्थान की धरती पर जल संकट का समाधान सरकारों के लिए हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। परंतु आज इस समस्या के समाधान के लिए जो क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं, वे हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शिता और संकल्पशक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। “भागीरथ” के समान प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर जल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाया है। मैं सीताराम पोसवाल आज के इस ब्लॉग में राजस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धि यमुना जल समझौता पर बात करूंगा।
यमुना जल समझौता: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
17 फरवरी 2024 को दिल्ली में हुए ऐतिहासिक एमओयू ने राजस्थान को 30 वर्षों से अटके यमुना जल समझौते में सफलता दिलाई। यह समझौता न केवल राजस्थान के लिए मीठे जल की उपलब्धता का आश्वासन है, बल्कि तीन जिलों – चूरू, सीकर, और झुंझुनूं के लिए जीवनदायिनी बनकर उभरेगा। हथिनी कुंड बैराज से 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी राजस्थान तक लाने का प्रस्ताव इन क्षेत्रों में न केवल पेयजल की समस्या का समाधान करेगा, बल्कि राजस्थान प्रदेश के कृषि और औद्योगिक विकास को भी गति प्रदान करेगा।
भजनलाल शर्मा: जल क्रांति के प्रणेता
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में जल संवर्धन और संरक्षण के लिए जिस प्रकार से योजनाएं बनाई और उन्हें लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, वह प्रशंसनीय है। राजस्थान जैसे राज्य में, जहां वर्षा की मात्रा बेहद कम है और जल स्रोत सीमित हैं, मुख्यमंत्री शर्मा ने पीकेसी-ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) और अब यमुना जल परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के माध्यम से राज्य के विकास को नई दिशा दी है।
प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को साकार करने वाले भजनलाल शर्मा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘जल जीवन मिशन’ और ‘हर घर जल’ अभियान को भजनलाल शर्मा सरकार ने न केवल समर्थन दिया, बल्कि उसे क्रियान्वित करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने अपने प्रशासनिक कौशल और मजबूत नेतृत्व के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि राजस्थान जल संकट से मुक्त हो। यमुना जल समझौते में उनकी भूमिका इस बात का उदाहरण है कि कैसे सही नेतृत्व एक राज्य की दशा और दिशा बदल सकता है। यह बात मैं सीताराम पोसवाल न केवल राजस्थान का एक युवा भाजपा नेता होने के नाते ही नहीं बल्कि प्रदेश का एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते भी कह रहा हूं।
जल परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
यमुना जल परियोजना राजस्थान के तीन प्रमुख जिलों – चूरू, सीकर, और झुंझुनूं – के लिए एक वरदान साबित होगी। इस परियोजना की प्रारंभिक लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये आंकी गई है और इसके तहत 263 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पाइपलाइन के माध्यम से ताजेवाला हैड से हासियावास गांव तक पानी पहुंचाया जाएगा। इस योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- पेयजल की उपलब्धता: परियोजना के अंतर्गत 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी राजस्थान तक पहुंचाया जाएगा, जिससे इन तीन जिलों के लोगों को पेयजल की सुविधा मिलेगी।
- कृषि को संजीवनी: जल की उपलब्धता से इन क्षेत्रों में कृषि को नया जीवन मिलेगा। किसान अब अपनी फसलों को अधिक कुशलता से सिंचित कर सकेंगे।
- औद्योगिक विकास: जल संसाधनों की उपलब्धता से इन जिलों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो सकेंगी, जिससे रोजगार सृजन में वृद्धि होगी।
- पर्यावरण संरक्षण: परियोजना से जल संरक्षण और संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जल संरक्षण में भजनलाल सरकार की पहल
भजनलाल शर्मा सरकार ने न केवल नए जल स्रोतों की तलाश की है, बल्कि पुराने जल स्रोतों के पुनरुद्धार और संरक्षण में भी उत्कृष्ट कार्य किया है। सरकार द्वारा चलाई गई प्रमुख योजनाएं:
- मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना: इस योजना के तहत राजस्थान के गांव-गांव में तालाबों और जलाशयों का निर्माण और मरम्मत की गई।
- जल संवर्धन अभियान: यह अभियान राज्य में जल की बर्बादी को रोकने और जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए चलाया गया।
- कृषि क्षेत्र में माइक्रो इरिगेशन: किसानों को ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया।
हरियाणा के साथ सहयोग और केन्द्र सरकार की भूमिका
यमुना जल परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए हरियाणा सरकार के साथ मिलकर कार्य करना अनिवार्य है। हालांकि, भजनलाल सरकार ने मार्च 2024 में टास्क फोर्स का गठन कर दिया, लेकिन हरियाणा की ओर से कुछ अड़चनें आईं। केंद्र सरकार की सक्रियता और प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के चलते अब यह प्रोजेक्ट अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान को जल संकट से उबारने के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, वे इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता ने राज्य को एक नई दिशा दी है। “भागीरथ” के समान प्रयास करते हुए उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि संकल्प पवित्र हो और नेतृत्व दृढ़ हो, तो कोई भी बाधा विकास के मार्ग को रोक नहीं सकती। यमुना जल परियोजना राजस्थान के उज्जवल भविष्य का प्रतीक है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इसके सच्चे नायक हैं। मैं सीताराम पोसवाल हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री के प्रयासों को शत—शत नमन करता हूं।
ओबीसी मोर्चा, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
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