BJP Launches Water Revolution to Transform Rajasthan

राजस्थान में जल क्रांति का सूत्रपात करके प्रदेश की तस्वीर बदलने की ठानी है बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने


राजस्थान में जब बीजेपी की सरकार बनी और केन्द्र में भी विश्व नेता नरेन्द्र मोदीजी पर भारत की जनता ने एक बार फिर से भरोसा करते हुए जब सत्ता की चाबी सौंपी तो कई जगह से यह सवाल उठा कि डबल इंजन के नाम पर विकास कैसे होगा? परन्तु विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी केवल हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए की तर्ज पर काम करती है। केवल बातें नहीं सिर्फ काम और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका का कल्याण की भावना लेकर काम कर रहे हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्माजी ने हमें यह विश्वास दिलाया है कि सूरत बदलकर रहेगी।

बचपन से देखता था कि राजस्थान में पानी की कमी है। भीषण संकट गर्मियों में खड़ा हो जाता है। सरकारी दावे तब भी थे। परन्तु अब जो दृढ़ इच्छाशक्ति नजर आई है। वह साफ तौर पर राजस्थान में तस्वीर बदलेगी। यहां  पानी के संकट को दूर करने के लिए जो ठोस और मूलभूत उपाय बीते 70 साल में नहीं हुए, अब होने जा रहे हैं। राजस्थान के माथे से जलसंकट से झूझते प्रदेश का दाग ​निश्चित तौर पर हटेगा। 

क्षेत्रफल का करीब 61 प्रतिशत मरूस्थल

क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का करीब 61 प्रतिशत मरूस्थल है, जबकि प्रदेश में उपलब्ध सतही जल देश में उपलब्ध कुल सतही जल का मात्र 1.16 प्रतिशत ही है। यहां सतही जल स्रोतों की कमी, वर्षा की मात्रा एवं निरंतरता में कमी और अत्यधिक भूजल दोहन से स्थिति चिंताजनक बनी रहती है। इन विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं कठिनाइयों के बावजूद भी प्रदेश में हर व्यक्ति को पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्माजी और उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार जल संकट के स्थायी समाधान के लिए प्रदेशभर में गांवों और शहरों को जल उपलब्धता की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनने के लिए संकल्पित हैं।

नई जल क्रांति का सूत्रपात

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश वासियों को वर्तमान और भविष्य के लिए शुद्ध पेयजल एवं किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में नई जल क्रांति का सूत्रपात किया है। इसमें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग उन्हें मिल रहा है।

यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शर्मा की इच्छाशक्ति व प्रयासों से आगे बढ़ी पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (पीकेसीएसआरपी) के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जगह अब 21 जिले लाभान्वित होंगे। उधर मेवाड़ अंचल में उदयपुर की जीवनरेखा बनकर उभरी देवास परियोजना के तृतीय व चतुर्थ चरण की सौगात प्रदेश को मिली, जिससे जिले की झीलें वर्ष पर्यंत जल से लबालब रहेंगी। इसी तरह तीन दशकों से अटके यमुना जल समझौते से शेखावटी के सीकर, चूरू, झुंझुनूं एवं नीमकाथाना जिलों को यमुना का पानी मुहैया कराने जैसे सपनों को साकार करने के लिए संबद्ध राज्यों से समझौता किया गया है।

इतना ही नहीं, गांव-गांव को जलक्रांति की इस मुहिम से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की शुरुआत की है। इसके तहत प्रदेश में 11 हजार 200 करोड़ रुपये की राशि से आगामी वर्षों में 20 हजार गांवों में टैंक, नाड़ी जैसे 5 लाख अतिरिक्त हेक्टेयर स्ट्रक्चर का निर्माण एवं पुर्नउद्धार किया जाएगा। इससे प्रदेश के भूजल स्तर में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। मुख्यमंत्री के वे प्रयास और राजस्थान में जल क्षेत्र में हाथ में ली गई परियोजनाएं प्रदेश को नई जल क्रांति और जल उपलब्धता की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

जनकल्याण की भौगोलिक परिस्थितियों में जल की एक-एक बूंद को अमृत के समान सहेजने की सीख देती है। बाढ़ के समय जब तालाब, कुएं, बावड़ियाँ पानी से लबालब हो जाते हैं तब इनकी नैतिक और धार्मिक मान्यता उन्हें मन्दिर-मस्जिद से भी ऊपर की धरोहर मानती है। राजस्थान सरकार ने भी इस परंपरा को अपनी नीतियों में समाहित कर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की शुरुआत कर प्रदेश के जल संरक्षण की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता पुनः दोहराई है।

राजस्थान सरकार ने प्रदेश को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए लेखानुदान वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 की शुरुआत की है। साथ ही हाल ही में पेश किए गए बजट में भी हमारी यशस्वी वित्त मंत्री दिया कुमारीजी ने भी प्रभावी उपाय किए हैं। जल स्वावलंबन अभियान का मुख्य उद्देश्य आम जन भागीदारी सुनिश्चित कर बावड़ियाँ, खड़ीन, तालाब, झालरा, कुई, नाड़ी, झील आदि परंपरागत जल स्रोतों का निर्माण एवं उनका पुनर्जीवन करना है। अभियान के तहत 11 हजार 200 करोड़ रुपये की राशि से आगामी 4 वर्षों में 20 हजार गांवों में 5 लाख वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे।

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नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य तय

यही नहीं बजट में जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये व्यय कर 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य तय किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत लगभग 20 हजार 370 करोड़ रुपये की लागत से 6 वृहद पेयजल परियोजनाओं का कार्य करवाया जाना प्रारंभ किया गया है। अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत 183 शहरों कस्बों में पेयजल व्यवस्था में सुधार हेतु लगभग 5 हजार 180 करोड़ रुपये के कार्य 2 वर्षों में और 127 करोड़ की लागत से शहरी जलस्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। टोडारायसिंह-केकड़ी, देवली, मालपुरा व अलीगढ़-टोंक हेतु शहरी पेयजल योजनाओं में 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से उच्च जलाशय, पाइप लाइन आदि के कार्य स्वीकृत करके इस इलाके के लोगों को पहली बार अहसास कराया है कि सरकार उनके प्रति कितना समर्पित भाव से काम करती है। 

5 हजार 135 गांवों का चयन

वर्ष 2024-25 में 5 हजार 135 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें प्राथमिकता के आधार पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जल संचय का घटक में स्वीकृत गांव प्राथमिकता के लिए लिए गए हैं। प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं के साथ जोड़कर कार्य योजना तैयार की गयी है। जिला क्रियान्वयन समिति में इस कार्य योजना का अनुमोदन जनप्रतिनिधियों से कराकर कार्य सुनिश्चित किए जाएंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, जनजाति क्षेत्रीय विकास और जल संसाधन विभाग को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के लिए नोडल विभाग बनाया गया है। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी रहेंगे।

राज्य जल स्वावलंबन अभियान समिति

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस समिति में जल संसाधन, वन, जन जाति विकास एवं अभियंताओं, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, आयोजना, जनजाति क्षेत्रीय विकास, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, उद्योग, कृषि तथा राज्य मंत्री इसके सदस्य बनाए गए हैं। प्राथमिकता के मुख्य सचिव, कृषि, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, वन, उद्योग, जनजाति क्षेत्रीय विकास, आयोजना, जनजाति विकास एवं अभियंताओं, जल संसाधन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रमुख शासन सचिव/ शासन सचिव सहित दो विशेषज्ञ सदस्यों को भी शामिल किया गया है।

जल सहेजने की ‘रीत’ अब ‘राज्य नीति’

राज्य सरकार की इस जल नीति के तहत प्रदेश के जल के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्य एवं योजनाओं का विस्तृत वर्णन करने हेतु ‘राज्य जल स्वावलंबन अभियान समिति’ का गठन किया गया है।

राजस्थान अब हरे—भरे, सुजलाम सुफलाम प्रदेश की ओर कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में भजनलाल सरकार की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के मार्गदर्शन में किए जा रहे कामों ने गति पकड़ी है और यह कारवां आगे तक जाएगा।

सीताराम पोसवाल


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