एक व्यवसाई होने के नाते मैं अक्सर महसूस करता था कि राजस्थान में सरकारी तंत्र व्यापारियों के साथ क्यों नहीं है? परन्तु जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है व्यवसाय और व्यावसायिक गतिविधियों में व्यापारियों को सहयोग इतना मिलने लगा है कि राजस्थान इन्वेस्टमेंट का नया हब बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। बिजली, पानी और सड़क की प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित होने से अब विदेशों के निवेशक राजस्थान में कदम रखेंगे और यहां रोजगार में चार चांद लगेंगे।
बड़ी बात तो यह है कि इस आयोजन में अभी भी चार महीनों का समय है, लेकिन आठ हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव भी मिल चुके हैं। इससे साफ है कि निवेशकों का भरोसा राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार पर बढ़ता ही जा रहा है।
इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आगामी 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करने की घोषणा की है। यह घोषणा व्यापारियों के हितों को पंख लगाने वाली है। हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्माजी की इस पहल का उद्देश्य देशी-विदेशी कंपनियों, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को प्रदेश की ओर आकर्षित करना है, ताकि राज्य में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके। इसी से प्रदेश की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकेगी।
निवेशकों की मदद जरूरी
किसी भी प्रदेश में कानून व्यवस्था, उर्जा की उपलब्धता, पर्याप्त भूमि, जल की उपलब्धता और त्वरित यातायात! ये फैक्टर मुख्यत: आधारभूत होते हैं निवेशकों को बुलाने के लिए। राजस्थान में यह सब शीघ्र ही प्रभावी तौर पर मुकम्मल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है श्री भजनलाल शर्माजी की सरकार ने। कानून व्यवस्था कभी माफियाओं और गुंडों की चौखट पर थी। गैंगवार और मर्डर, अपराधियों की शरणगाह बन चुके प्रदेश में अब अपराधी कांपते हैं। यह निवेशकों के लिए एक बेहतर माहौल देने की शुरूआत है।
मुख्यमंत्री ने दिए हैं स्पष्ट निर्देश
हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्माजी ने इस संबंध में सीएमओ में ली बैठक में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों की हर संभव मदद करेगी, ताकि वे अपने निवेश को धरातल पर मूर्त रूप दे सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि निवेशकों को उनके द्वारा किए जाने वाले निवेश संबंधित क्षेत्र की सभी जानकारी पहले ही उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और इस आयोजन से जुड़े समस्त स्टेक होल्डर्स को निर्देशित किया है कि ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी टीम भावना के साथ कार्य करें। यह प्रदेश में एक बेहतरीन शुरूआत है, जो राजस्थान की तस्वीर को बदलकर रख देगी।
इसलिए राजस्थान आना चाहिए निवेशकों को
उत्तर-पश्चिम में स्थित, राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किमी. (भारत के भूमि क्षेत्र का 10 प्रतिशत) और यह छह राज्यों – पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के साथ सीमा साझा करता है। ये राज्य भारत के अग्रणी कृषि, औद्योगिक, रसद और शिक्षा केंद्रों में से हैं। वास्तव में, राजस्थान भारत के लगभग 40 प्रतिशत बाजार तक पहुंच प्रदान करता है और उत्तर और पश्चिमी भागों के बीच प्रमुख बुनियादी ढांचागत संपर्क का हिस्सा है। जो भीतरी इलाकों के राज्यों को पश्चिमी समुद्र तट से जोड़ता है। राजस्थान में ऐसे क्षेत्र भी शामिल हैं जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं। रसद के मामले में, राजस्थान में तीसरा सबसे बड़ा राजमार्ग नेटवर्क, दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, नौ अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों की पेशकश करने वाले सात हवाई अड्डे और एक एयर कार्गो परिसर है। यही नहीं सौर उर्जा, पवन उर्जा जैसे अक्षय उर्जा के स्रोत। जमीन और जल की पर्याप्त उपलब्धता भी एक बड़ी वजह है।
पूरे राजस्थान में सड़क मार्ग और हाइवे एक उच्च स्तरीय परिवहन प्रदान करते हैं जो निवेशकों के लिए अच्छी जगह है। यहां के लोग भी उद्योगों के प्रति अच्छी भावनाओं के साथ काम करते हैं। साथ ही देश का दूसरा सबसे बड़ा खनिज उत्पादक प्रदेश और पर्याप्त कृषि उपज वाला प्रदेश भी है। यह सभी बिंदु निवेशकों को कच्चा माल के साथ—साथ संसाधन, सुविधा और सहुलियत प्रदान करते हैं।
विश्वभर के निवेशकों को न्यौता
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने ‘राइजिंग राजस्थान’ को विश्वस्तर का बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने इस आयोजन ‘राइजिंग राजस्थान’ का लोगो भी लॉन्च किया है। ताकि ‘राइजिंग राजस्थान’ की देश और विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण मंचों पर एक अलग से ब्रांड आइडेंटिटी बन सके। राज्य सरकार देश और विदेश के विभिन्न शहरों में निवेशक रोड शो भी करेगी, ताकि विश्वभर के निवेशकों को राजस्थान में निवेश करने का न्यौता दिया जा सके। इस तरह के प्रयास निश्चित तौर पर निवेशकों के मन में भरोसा बना सकेंगे।
8 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
राज्य में निवेशकों की सहूलियत के लिए मुख्यमंत्री ने ‘सिंगल-प्वाइंट निवेशक इंटरफेस’ को भी लॉन्च किया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई भी निवेशक राज्य सरकार के साथ एमओयू के लिए अपनी मंशा को ऑनलाइन ही जाहिर कर सकते हैं। यही नहीं उनके प्रस्तावों को मंजूरी भी ऑनलाइन भी दे दी जाएगी। इस पहल के तुरंत बाद ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन को आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक के राजस्थान में निवेश के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
और भी पढ़ें
25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की ओर से जबरन...
आज जब हम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की वर्षगांठ...
राजस्थान में एक समय ऐसा था जब प्रदेश में शिक्षा...
विकास का नया दौर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के समग्र विकास को लेकर बनाई गई हमारी नीतियां विश्वसनीय हैं और निवेशकों के अनुकूल हैं, ताकि राज्य और हमारे लोग विकास के एक नए दौर में पहुंच सकें। ‘राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के माध्यम से राजस्थान में उपलब्ध इन अवसरों को हम देश और विदेश के निवेशकों को प्रस्तुत करेंगे।
जनता की परवाह करने वाली सरकार
हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी ने एक बैठक को सम्बोधित करते हुए राइजिंग राजस्थान को लेकर साफ कहा है कि “हमारी सरकार पिछली सरकारों की तरह नहीं हैं जो इन्वेस्टमेंट समिट या सम्मेलन अपने कार्यकाल के अंतिम समय में करती थी। ताकि जनता को इसका हिसाब नहीं देना पड़े। हम चुनौतियों से घबराते नहीं हैं। इसलिए अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में ही हम ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं।” यह एक नेता की भावना और काम के प्रति समर्पण के भाव हैं जो सीधे तौर पर जनता की परवाह करते हैं।
भजनलाल शर्मा सरकार की यह पहल न केवल राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि राजस्थान को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाएगी। ‘राइजिंग राजस्थान’ इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से राज्य में निवेश का एक नया दौर शुरू होने की उम्मीद है, जिससे राज्य और इसके नागरिकों को भरपूर लाभ मिलेगा।