हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का नीरज चौपड़ा की माँ सरोज देवीजी को लिखा पत्र केवल एक साधारण धन्यवाद का पत्र नहीं है। यह एक कागज का टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि मातृशक्ति के प्रति प्रधानमंत्रीजी की गहरी श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। पत्र के माध्यम से हुआ यह संवाद हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की उस भावना का प्रतीक है, जिसमें माँ का स्थान सर्वोच्च बताया गया है। प्रधानमंत्रीजी के इस पत्र में माँ के वात्सल्य, शक्ति, और त्याग की जो व्याख्या की गई है, वह हमारी सनातन परम्परा और मोदीजी के मातृशक्ति के प्रति गहरे भावों को यथेष्ठ रूप में प्रकट करती है।
यह पत्र पढ़ने के बाद स्पष्ट रूप से लगता है कि भारत सांस्कृतिक मूल्यों, पारीवारिक भावनाओं और आध्यात्मिक चिन्तन के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं सीताराम पोसवाल इस पत्र को पढ़ने के बाद गर्व से अभिभूत हूं कि मेरे देश के प्रधानमंत्री हमें अपने संदेशों के माध्यम से, अपने कर्म के माध्यम से और अपने भावों के माध्यम से उर्जा से भर देते है। ऐसा विश्व में कहीं और होता हो, यह आज तक तो नजर नहीं आया।
प्रधानमंत्री मोदी के इस पत्र ने नवरात्र के अवसर पर जन्मदायिनी माँ हीराबेन और आध्यात्मिक उर्जा देने वाली आराध्या देवी मां के प्रति उनके भावनात्मक लगाव को और भी गहरा किया है। नवरात्र, जिसे हमारे देश में शक्ति की आराधना का पर्व कहा जाता है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि शक्ति का वास्तविक स्रोत माँ ही है। माँ, जो अपने बच्चों के लिए असीमित त्याग करती है। मां जो हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने इस पत्र में केवल नीरज चौपड़ा जी की मां से संवाद मात्र नहीं किया है, बल्कि माँ के रूप को एक सजीव और प्रेरणादायी शक्ति के रूप में वर्णित किया है। जो न केवल अपने परिवार के लिए संजीवनी है, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए ऊर्जा का प्रेरणा पुंज है।
इस पत्र से मुझे महसूस होता है कि नीरज चौपड़ा की माँ सरोज देवी जी द्वारा प्रधानमंत्री जी को परोसा गया चूरमा केवल एक व्यंजन नहीं था। बल्कि उसमें माँ के प्यार और आशीर्वाद की मिठास छिपी थी। उस चूरमे ने प्रधानमंत्रीजी को उनकी अपनी माँ की याद बखूबी दिला दी जिन्होंने अपने बेटे को राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण की शिक्षा दी। तमाम माताओं के प्रति अगाध श्रद्धा का यह भाव भरा। ऐसे में यह साधारण सा चूरमा उस मातृ शक्ति की याद का प्रतीक बन रहा है। इस चूरमे ने प्रधानमंत्रीजी के नवरात्र उपवास को भी प्रसाद का रूप दे दिया है। माँ का यह अर्पण केवल स्वादिष्ट भोजन नहीं है बल्कि मातृशक्ति का गहरा आशीर्वाद भी था। इस आशीर्वाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को नवरात्रि के दौरान ही राष्ट्र सेवा की नई ऊर्जा से भर दिया।
मोदीजी के इस पत्र में स्पष्ट नजर आता है कि नवरात्र का यह पर्व हमें केवल देवी की पूजा के लिए प्रेरित नहीं करता। अपितु यह हमें हर उस माँ के प्रति कृतज्ञ होने का भाव जगाता है, जिन्होंने अपने जीवन को समर्पण और त्याग के साथ जिया है। माँ की यह संजीवन शक्ति ही प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने की अनूठी प्रेरणा देती है। नीरज चौपड़ा की माँ सरोज देवीजी द्वारा तैयार किया गया यह चूरमा चाहे जन सामान्य की नजर में साधारण सा खाद्य पदार्थ हो। परन्तु नरेन्द्र मोदीजी के लिए यह मातृशक्ति का सजीव प्रतीक बन है। जिसने उनके नवरात्र के उपवास को भी एक आशीर्वाद में परिवर्तित कर दिया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का यह पत्र हमें बताता है कि मातृशक्ति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता केवल शब्दों में नहीं बल्कि कर्मों में भी प्रकट होनी चाहिए। नवरात्र के नौ दिन सिर्फ देवी की पूजा तक सीमित नहीं रहें बल्कि यह समय है कि हम अपनी माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। उन तमाम माताओं के प्रति जिन्होंने हमें जीवन की संजीवन ऊर्जा प्रदान की है। प्रधानमंत्री मोदीजी का यह भावनात्मक पत्र इस बात का प्रतीक है कि चाहे प्रधानमंत्री हों या कोई साधारण व्यक्ति माँ का स्थान सबके जीवन में एक जैसा महत्वपूर्ण होता है।
यह पत्र हमें याद दिलाता है कि मातृशक्ति ही वह शक्ति है, जो समाज और राष्ट्र को संवारने में अपनी भूमिका निभाती है। जैसे नीरज चौपड़ा की माँ ने अपने बेटे को राष्ट्र के लिए मेडल जीतने की ऊर्जा दी, वैसे ही देश की हर माँ अपने बच्चों को जीवन की बड़ी चुनौतियों को पार करने के लिए प्रेरित करती है।
नवरात्र के इस पावन पर्व पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए यह संदेश देश के प्रत्येक नागरिक को दिया है कि वह विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए मातृशक्ति के आशीर्वाद से प्रेरणा लें। साथ ही राष्ट्र की सेवा में निरंतर लगे रहें। मोदीजी की इस भावना से यह स्पष्ट होता है कि एक सच्चा कर्मयोगी वही है, जो अपने कर्तव्यों का पालन मातृशक्ति के प्रति समर्पण और सम्मान के साथ करता है।
इसलिए यह पत्र एक कागज का टुकड़ा मात्र नहीं है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपने इस पत्र के माध्यम से केवल नीरज चौपड़ा की माँ सरोज देवीजी को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत देश की मातृशक्ति को नमन किया है। यह पत्र देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपनी माँ के त्याग और समर्पण को जीवन की सबसे बड़ी शक्ति मानता है।
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