राजस्थान की माटी पर राजस्थान के लाल मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का नाम गर्व से लिया जा रहा है। इसकी वजह है उनके द्वारा चलाई जा रही जनहित कल्याण की योजनाएं। खासकर के उनकी पहल ‘रामाश्रय’ योजना ने राजस्थान के बुजुर्गों की सेहत और सम्मान की दिशा में एक नई और प्रभावशाली राह खोली है। रामाश्रय योजना न केवल मानवीय संवेदनाओं की मिसाल है, बल्कि प्रदेश में बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य ढांचे को एक नई दिशा भी दे रही है। इस पहल के जरिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, राजस्थान में कुशल प्रबंधन और विकास का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
‘रामाश्रय’ योजना: एक मानवीय पहल
अक्सर देखा जाता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे बुजुर्ग हमसे कहीं पीछे छूट जाते हैं और उनके इलाज पर लोग पैसे नहीं खर्च कर पाते। ऐसे में भजनलाल सरकार की इस ‘रामाश्रय’ योजना ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति राजस्थान सरकार की संवेदनशीलता को और अधिक उजागर करते हुए एक नई पहचान दी है। हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के निर्देशन में, यह योजना राजस्थान के सभी जिला अस्पतालों में विशेष और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। इन अस्पतालों में ‘रामाश्रय’ वार्ड (जीरियाट्रिक वार्ड और जीरियाट्रिक क्लीनिक) हमारे बुजुर्गों को सम्मान और सुविधा के साथ बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने का एक सार्थक और प्रभावी माध्यम बन चुका है।
भजनलाल सरकार कर रही आदर्श प्रस्तुत
यह योजना केवल एक स्वास्थ्य पहल मात्र नहीं है, बल्कि यह सरकार की समाज के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस योजना के माध्यम से अल्प समय में ही यह साबित कर दिया है कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ शासन करना नहीं बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग की भलाई और सम्मान सुनिश्चित करना भी है। ‘रामाश्रय’ योजना राजस्थान के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सुनहरा अध्याय है, और इसके माध्यम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वृद्धजनों की सेहत और खुशहाली की दिशा में एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
राजस्थान सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में, 14 मार्च 2024 से शुरू हुई इस योजना से अब तक यानि कि मात्र चार माह में ही करीब 6 लाख बुजुर्ग लाभान्वित हो चुके हैं। जबकि एक बड़ा वक्त आचार संहिता में बीत गया। इस योजना की सफलता से जुड़ा यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि योजना ने किस हद तक प्रदेश में बुजुर्गों के स्वास्थ्य की दिशा में सकारात्मक बदलाव और शानदार सोच को आगे लाने का कार्य किया है। इस योजना ने यह कर दिया है कि प्रदेश के वृद्धजनों को उपचार के लिए बार-बार दौड़ने की आवश्यकता नहीं है, और कतारों में खड़ा होना समाप्त हो गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक विस्तार
‘रामाश्रय’ वार्डों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं न केवल व्यापक रूप में हैं. बल्कि अत्यधिक सुविधाजनक भी हैं। अब तक 5 लाख 14 हजार से अधिक वृद्धजनों ने राजस्थान में रामाश्रय की ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया है। इसके अलावा, राजस्थान में 32 हजार से अधिक बुजुर्गों को आईपीडी में भर्ती करके प्रभावी उपचार प्रदान किया गया है। यही नहीं राज्य में इस रामाश्रय योजना के तहत लैब टैस्ट, फिजियोथैरेपी सेवाएं, और गंभीर स्थिति में उच्च स्तरीय उपचार का लाभ भी बड़े पैमाने पर दिया गया है।
रामाश्रय योजना के तहत इन वार्डों में न केवल चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं, बल्कि हमारे वृद्धजनों के लिए आराम और सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। 10 फाउलर बैड, महिला—पुरुष रोगियों के लिए पृथक शौचालय और नर्सिंग अलार्म सिस्टम आदि सुविधाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार ने बुजुर्गों की देखभाल को प्राथमिकता दी है। ऐसे में यह सीधे तौर पर प्रमाणित होता है कि हमारे बुजुर्गों के सेहत और सम्मान को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार कितनी चिंतित और जागरूक है।
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जीरियाट्रिक क्लीनिक: सुविधा का नया आयाम
योजना के तहत जीरियाट्रिक क्लीनिक की स्थापना से भी राजस्थान में वृद्धजनों को विशेष लाभ हुआ है। इसके तहत जिला और उप जिला अस्पतालों में प्रदान की जा रही ओपीडी सेवाएं खासा प्रभाव छोड़ रही हैं। इससे बुजुर्गों को उपचार और जांच के लिए अधिक समय तक लाइनों में खड़ा नहीं रहना पड़ता। अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर और दवा वितरण केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था ने भजनलाल सरकार के प्रति उनकी भावनाओं में वृद्धि ही की है।
32 करोड़ का प्रस्ताव भी भेजा
राजस्थान की भजनलाल सरकार यहीं तक रुकना नहीं चाहती। चरैवैति—चरैवैति के सिद्धान्त को प्रतिपादित करते हुए भविष्य में भी बुजुर्गों के स्वास्थ्य सेवाओं में सुदृढ़ीकरण के लिए चिकित्सा विभाग ने 22 करोड़ रुपए का प्रस्ताव नरेन्द्र मोदीजी के नेतृत्व वाली भारत सरकार को भेजा है। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने पर अन्य आवश्यक उपकरण, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को रामाश्रय योजना के अनुसार प्रभावी प्रशिक्षण और अन्यान्य सुविधाओं को और भी प्रभावी किया जाएगा। योजना में सरकार की भावनात्मक जुड़ाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में रामाश्रय योजना के तहत बुजुर्गों को साल में चार बार नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच और नि:शुल्क पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि उनकी चिकित्सा यात्रा को और भी सरल बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा: नेतृत्व और दृष्टिकोण
इस आधार पर हम कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण ने राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की प्रभावी शुरूआत कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, उन्होंने एक ऐसा स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया है जो बुजुर्गों की जरूरतों को पूरी तरह समझता है और उनका सम्मान करता है। ‘रामाश्रय’ योजना का सफल क्रियान्वयन इसका प्रमाण है कि हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्माजी की नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता ने प्रदेश में एक नया मानक स्थापित किया है।