राजस्थान में एक समय ऐसा था जब प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार चरम पर था। कांग्रेस शासन के दौरान पेपर लीक, ऐवजी परीक्षार्थियों के माध्यम से परीक्षा पास करने और भाई-भतीजावाद जैसे गंभीर मुद्दे प्रदेश के युवाओं के सपनों को कुचल रहे थे। यही नहीं यहां मंत्रिमंडल में रहे लोगों पर आरोप लगे। राजीव गांधी स्टडी सर्कल का उदाहरण तो बड़ा है। इस भ्रष्ट व्यवस्था ने न केवल राजस्थान जैसे ऐतिहासिक प्रदेश में महान शिक्षा प्रणाली की साख गिराई बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य को भी अंधकार में धकेल दिया।
अब निष्पक्ष परीक्षाओं से होनहार युवाओं को उम्मीदें भी जगी हैं कि उनके भविष्य की चिंता प्रदेश की सरकार को है। सरकार ऐसा माहौल दे रही है, जिससे युवाओं के भविष्य सुरक्षित है। पारदर्शी भर्ती परीक्षा के साथ—साथ समयबद्ध परीक्षा आयोजन और परिणामों की गारंटी भी प्रदेश की भाजपा सरकार की विशिष्टता को बढ़ा रही है।
लेकिन जब से प्रदेश में श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार आई, तो उन्होंने सबसे पहले इन मुद्दों पर सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को इस मामले में विशेष रूप से नियुक्त कर पेपरलीक और अन्य अनियमितताओं पर नकेल कसने का काम सौंपा। इस कदम से प्रदेश के युवाओं में विश्वास जागा है कि बीजेपी सरकार उनकी भविष्य की चिंता कर रही है और उनके सपनों को साकार करने के लिए कृतसंकल्पित है।
भर्ती कैलेंडर: युवाओं के सपनों को साकार करने की ऐतिहासिक पहल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शिता का एक और प्रमाण है राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा जारी किया गया दो साल का भर्ती कैलेंडर। यह कैलेंडर अक्टूबर 2024 से जून 2026 तक होने वाली 70 भर्ती परीक्षाओं का पूरा विवरण प्रस्तुत करता है। यह कदम युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध हो रहा है, जिससे वे अपनी तैयारी को सही दिशा में ले जा सकेंगे।
इस कैलेंडर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें न केवल परीक्षाओं की तारीखें दी गई हैं, बल्कि परिणाम जारी करने की तिथियां भी स्पष्ट रूप से अंकित हैं। यह पहल उन युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो वर्षों से सरकारी नौकरियों की तैयारी में लगे हुए हैं। अब उन्हें पता होगा कि कौन सी परीक्षा कब होगी और परिणाम कब आएगा, जिससे उनकी तैयारी में निश्चितता और सुगमता आएगी।
पेपर लीक की समस्या पर सख्त कार्रवाई
राजस्थान के कई जिलों में पेपर लीक जैसी गंभीर समस्याएं पहले से ही थीं, जिनसे राज्य की शिक्षा प्रणाली की छवि धूमिल हो चुकी थी। लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक नीति अपनाई। इसके परिणामस्वरूप, लाखों युवाओं के सपने फिर से जीवित हो उठे हैं। सरकार की इस सख्ती ने यह सुनिश्चित किया है कि योग्य उम्मीदवारों को बिना किसी धांधली के उनके हक का मौका मिले। इस मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी ने ही सबसे पहले इस मुद्दे को विपक्ष में रहते हुए प्रभावी तरीके से उजागर किया था। सरकार में आने के बाद भी बीजेपी ने प्रमुखता से इसके खिलाफ कार्यवाही करते हुए युवा हित में कड़े कदम उठाए हैं।
रोजगार और कौशल विकास: सरकार की प्राथमिकता
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का मुख्य फोकस युवाओं के रोजगार और कौशल विकास पर रहा है। पांच साल में चार लाख सरकारी नौकरियां देने और छह लाख लोगों को कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार करने योग्य बनाने का वादा सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। केवल थोथे वादे ही नहीं, सरकार ने दिसम्बर 2024 तक 1 लाख से अधिक सरकारी पदों के लिए तो विज्ञप्तियां भी जारी कर दी हैं। इससे यह साबित होता है कि सरकार की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी की सरकार ने युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए जो कदम उठाए हैं। ये कदम न केवल सराहनीय हैं बल्कि राज्य के विकास में मील का पत्थर भी साबित होंगे। प्रदेश में भर्ती कैलेंडर जारी करना, पेपर लीक पर सख्त कार्रवाई करना और रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाना इस बात का प्रमाण है कि राज्य की बीजेपी सरकार युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्थान राज्य के युवाओं के लिए यह सरकार एक नई आशा की किरण लेकर आई है, जो उनके सपनों को हकीकत में बदलने का काम कर रही है।
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